कोई भी काम छोटा नहीं है। संसार में जब आए हो, तब एक स्मृति छोड़कर जाओ। कितने दिनों के लिए यह जीवन है ? इसलिए अपने कार्यों में लग जाओ। वरना पेड़-पत्थर भी तो पैदा होते तथा नष्ट होते हैं। इसलिए चुपचाप बैठे रहने से कार्य न होगा। निरंतर उन्नति के लिए चेष्टा करते रहनी होगी। धार्मिक झगड़ों में न पड़ें - स्वमी जी का कहना था कि धर्म के बारे में कभी झगड़ा मत करो। धर्म संबंधी झगड़ा-फसादों से केवल यह प्रकट होता है कि यहाँ आध्यात्मिक नहीं है। धार्मिक झगड़े सदा खोखली बातों के लिए होते हैं। जब पवित्र नहीं रहती, तब आध्यात्मिकता विदा हो जाती है और आत्मा को नीरस बना देती है, तब झगड़े शुरू होते हैं।
No work is small. When you have come into the world, leave behind a memory. For how many days is this life? So get engrossed in your work. Otherwise trees and stones are also born and destroyed. Therefore, sitting silently will not work. You have to keep trying for continuous progress. Do not get into religious quarrels - Swamiji used to say that never quarrel about religion. Conflicts regarding religion only reveal that there is nothing spiritual here. Religious fights are always for empty things. When it is not pure, then spirituality fades away and makes the soul dull, then quarrels begin.
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नास्तिकता की समस्या का समाधान शिक्षा व ज्ञान देने वाले को गुरु कहते हैं। सृष्टि के आरम्भ से अब तक विभिन्न विषयों के असंख्य गुरु हो चुके हैं जिनका संकेत एवं विवरण रामायण व महाभारत सहित अनेक ग्रन्थों में मिलता है। महाभारत काल के बाद हम देखते हैं कि धर्म में अनेक विकृतियां आई हैं। ईश्वर की आज्ञा के पालनार्थ किये जाने वाले यज्ञों...
मर्यादा चाहे जन-जीवन की हो, चाहे प्रकृति की हो, प्रायः एक रेखा के अधीन होती है। जन जीवन में पूर्वजों द्वारा खींची हुई सीमा रेखा को जाने-अनजाने आज की पीढी लांघती जा रही है। अपनी संस्कृति, परम्परा और पूर्वजों की धरोहर को ताक पर रखकर प्रगति नहीं हुआ करती। जिसे अधिकारपूर्वक अपना कहकर गौरव का अनुभव...